फलदार वृक्षों के पातन / काटने की अनुमति पुनः वन विभाग को देने की कवायद हुई शुरू, प्रस्ताव के अनुसार वन विभाग को ही ऐसे प्रकरणों में कार्यवाई करने का अधिकार देने की तैयारी !!

प्रदेश में फलों के पेड़ों की अवैध कटाई और पातन की घटनाएं बढ़ता देख उत्तराखंड सरकार ने प्रदेशभर में फलदार वृक्षों के अवैध कटान के प्रकरणों पर सख्ती दिखाते हुए नए प्रस्ताव पर कार्य करना शुरू। नए प्रस्ताव के अमल में आ जाने से फलदार पेड़ तभी काटे जा सकेंगे जब वन विभाग के ही अधिकारी अनुमति देंगे।

उद्यान विभाग के अधिकारी ने बताया कि फलदार वृक्षों की अवैध कटाई से पर्यावरण संतुलन भी बिगड़ रहा है और इसकी जानकारी होने के बावजूद संबंधित विभाग/प्रशासन द्वारा समय पर कार्रवाई न किए जाने से समस्या और गहरी होती जा रही है।

उद्यान विभाग की ओर से शासन को भेजे गए पत्र में कहा  गया है कि भू-माफियाओं द्वारा की जा रही अवैध पातन (विशेषकर फलदार वृक्षों की अवैध कटाई) को रोकने के लिए संबंधित वन अधिकारियों (वन विभाग) को पुनः पूर्ण अधिकार प्रदान किए जाएं, जिससे इस पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

उद्यान विभाग ने प्रस्ताव में यह भी उल्लेख किया है कि उद्यान विभाग के पास पुलिस अधिकार, अपनी चौकियां एवं पर्याप्त गश्त कर्मचारी न होने के कारण हर एक पातन प्रकरण में वन विभाग व पुलिस विभाग से समन्वय स्थापित करना पड़ता है। जिसमे अत्याधिक समय लग जाने के फलस्वरूप अवैध पातन की कार्यवाही करने में विलम्ब हो जाता है व आर्थिक दण्ड (5 हज़ार रुपये) कम होने के कारण भू-माफियाओं द्वारा बड़ी संख्या में निडर होकर फलदार पेड़ों का पातन किया जा रहा है।

अब उक्त प्रस्ताव के क्रम में शासन स्तर पर होमवर्क शुरू हो गया है, जानकारी के अनुसार आगामी कैबिनेट बैठक में उक्त प्रस्ताव पर मुहर लगनी तय है।