राज्य में लोगों को अपनी जमीन से कई प्रजातियों के पेड़ काटने के लिए सरकारी विभाग से इजाजत लेने की जरूरत नहीं होगी। इसके लिए सरकार, उत्तराखंड के वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन करने जा रही है।
वन मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि लोग अपनी जमीन पर पेड़ लगाते हैं और उन्हें काटने के लिए वन विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं। ऐसे में लोगों की अपनी भूमि पर पेड़ लगाने को लेकर रुचि कम हो रही है। इसी को देखते हुए हम उत्तराखंड के वृक्ष संरक्षण अधिनियम में संशोधन की तैयारी कर रहे हैं।
इससे लोगों को अपनी जमीन से तय प्रजातियों के पेड़ काटने के लिए परमिशन नहीं लेनी पड़ेगी। वे अपने लगाए पेड़, अपनी जरूरत के हिसाब से काट सकेंगे। इससे लोगों में पेड़ लगाने के प्रति रुचि बढ़ेगी। इससे वे और पेड़ लगाने को प्रोत्साहित होंगे। पत्रकार वार्ता में प्रमुख सचिव वन आरके सुधांशु, पीसीसीएफ विनोद सिंघल भी मौजूद थे।
हम ऐक्ट को खत्म नहीं करने जा रहे, इसमें कुछ संशोधन करने जा रहे हैं, ताकि लोगों को अपने ही खेतों में लगाए पेड़ काटने के लिए वन विभाग से परमिशन ना लेनी पड़े। हालांकि इसमें बांज, देवदार, साल, खैर, सागौन सहित कई प्रजातियों के लिए बाध्यता जारी रहेगी। इससे लोग पेड़ लगाने को प्रोत्साहित होंगे। – सुबोध उनियाल, वन मंत्री
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