उपाध्यक्ष बृजेश कुमार संत द्वारा आज प्राधिकरण कार्यालय में मानचित्र स्वीकृति प्रणाली से एवं विभिन्न पत्रावलियों की वर्तमान स्थिति से संबंधित समीक्षा बैठक की जिसमें उपाध्यक्ष द्वारा सभी स्वीकृत मानचित्रों में विभिन्न स्तर पर अधिकारियों / कर्मचारियों द्वारा लगाए गए टाइम लाइन को चेक किया एवं जिस किसी भी अधिकारी कर्मचारी के पास पत्रावली निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक पत्रावली लंबित पाई गई या यह पाया गया कि अधिकारियों द्वारा अनावश्यक रूप से ऑब्जेक्शन लगाए जा रहे हैं या एक से अधिक बार ऑब्जेक्शन लगाए जा रहे हैं तो उस केस में उन सभी कर्मचारी और अधिकारियों को चेतावनी दी गई है !!
कई मानचित्रों का विस्तृत रूप से रिव्यु करने के पश्चात उपाध्यक्ष बृजेश कुमार संत द्वारा सभी नए स्वीकृति हेतु जमा किए गए मानचित्रों के निस्तारण हेतु निम्नलिखित टाइमलाइन एवं गाइड लाइन निर्धारित की है –
● एकल आवासीय मानचित्र प्रत्येक स्थिति में 15 दिन के अंदर निस्तारित कर दिए जाएं। जिस हेतु विभिन्न स्तरों पर निम्नानुसार निस्तारण हेतु टाइम निर्धारित किया है –
क – कैशियर (१ दिन), ख – लिपिक (१ दिन), ग -भू उपयोग (२ दिन), घ –स्वामित्व(२ दिन), च- अवर अभियंता (५ दिन), छ- सहा अभियंता(२ दिन), ज- अधिशासी अभियंता(२ दिन)
● समस्त व्यावसायिक मानचित्र प्रत्येक स्थिति में ३० दिन के अंदर निस्तारित कर दिए जाएं। जिस हेतु विभिन्न स्तरों पर निम्नानुसार निस्तारण हेतु टाइम निर्धारित किया है –
क – कैशियर(१ दिन), ख – लिपिक (१ दिन), ग -भू उपयोग (२ दिन), घ -स्वामित्व (२ दिन), च- अवर अभियंता (12 दिन), छ- अधीक्षण अभियंता (३ दिन), ज- सचिव (४ दिन)
समीक्षा में यह भी पाया गया कि पत्रावलियों पर प्राधिकरण द्वारा लगाई गयी आपत्तियों का निवारण आर्किटेक्ट के स्तर से कई बार आपत्ति सूचित किये जाने के बावजूद भी नहीं किया जाता है जिस कारण भी पत्रावलियां अनावश्यक रूप से लंबित हो जाती हैं। इस सम्बन्ध में यह निर्णय लिया गया की आवासीय पत्रावलियों में एक बार तथा अनावासीय पत्रावलियों में दो बार सूचित किये जाने के पश्चात भी यदि आपत्तियों का निवारण आर्किटेक्ट द्वारा नहीं किया जाता है तो ऐसी पत्रावलियों को निरस्त कर दिया जाएगा।
ऐसे सभी आर्किटेक्ट्स जो समयानुसार आपत्तियों का निस्तारण नहीं करते है अथवा गलत मानचित्र स्वीकृति हेतु प्रस्तुत करते है उनको चिन्हित करते हुए उनके लॉगिन को तब तक बाधित किया जाएगा जब तक वे पूर्ण रूप से भवन उपबिधि एवं अन्य नियमों से अवगत न हो जाएँ ।
साथ ही अधिकारियों / कर्मचारियों को भी निर्देशित किया गया कि सभी आपत्तियां एक बार में ही सूचित करें, अन्यथा की स्थिति में शासकीय कार्यवाही की जायेगी।
जिस भी स्तर पर पत्रावलियां निर्धारित समय सीमा से अधिक समय तक निलंबित पायी गयी उन सभी कार्मिकों को कारण बताओ नोटिस भी जारी कर दिया गया है.
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