उत्तराखंड में लोकायुक्त बैठाने की तैयारी, 12 साल बाद उत्तराखंड को मिलेगा तीसरा लोकायुक्त !!

उत्तराखंड में लंबे समय से लंबित लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर अब सरकार ने कदम तेज कर दिए हैं। राज्य में भ्रष्टाचार पर नकेल कसने और पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लोकायुक्त संस्थान को सक्रिय करने की दिशा में तैयारी शुरू हो चुकी है। सूत्रों के अनुसार, शासन स्तर पर इस संबंध में मसौदा तैयार किया जा रहा है।

राज्य गठन के बाद से ही उत्तराखंड में लोकायुक्त नियुक्ति को लेकर कई बार चर्चा हुई, लेकिन 12 वर्ष से यह पद खाली पड़ा हुआ है। पूर्व में कई सरकारों ने इसकी प्रक्रिया शुरू की, मगर विभिन्न कारणों से यह अमल में नहीं आ सका। अब वर्तमान सरकार ने इसे अपनी प्राथमिकता में शामिल करते हुए कहा है कि “भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड” के लक्ष्य को साकार करने के लिए लोकायुक्त की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जल्द ही सर्च कमिटी की बैठक भी आहूत होने वाली है।

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट किया है कि जनता का विश्वास मजबूत करने और जवाबदेही तय करने के लिए लोकायुक्त जैसी संवैधानिक संस्था का होना अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि इस संबंध में सभी कानूनी और प्रशासनिक औपचारिकताएं शीघ्र पूरी की जाएं, ताकि राज्य में पारदर्शी शासन व्यवस्था स्थापित हो सके।

जानकारी के लिए बता दें कि राज्य के पहले लोकायुक्त एस.एच.ए. रज़ा वर्ष 2002 से 2008 तक पद पर रहे। उनके बाद एम.एम. घिल्डियाल ने 2008 से 2013 तक लोकायुक्त के रूप में कार्य किया। इसके बाद से राज्य में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं हो पाई है।