त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में डबल वोटर लिस्ट के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड राज्य निर्वाचन आयोग को कड़ा झटका दिया है। शीर्ष अदालत ने नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश (शक्ति सिंह बनाम राज्य सरकार) को चुनौती देने वाली आयोग की याचिका को खारिज कर दिया। साथ ही आयोग पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी ठोका है।
हाईकोर्ट का आदेश बरकरार
याचिकाकर्ता शक्ति सिंह के अधिवक्ता अभिजय नेगी ने बताया कि जुलाई 2025 में नैनीताल हाईकोर्ट ने राज्य निर्वाचन आयोग के उस परिपत्र पर रोक लगाई थी, जिसमें एक से ज्यादा मतदाता सूचियों में नाम दर्ज होने पर भी प्रत्याशी को पंचायत चुनाव लड़ने की अनुमति दी गई थी। कोर्ट ने कहा था कि यह उत्तराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा 9(6) और 9(7) के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने कहा “यह स्पष्टीकरण प्रथम दृष्टया वैधानिक प्रावधानों के विपरीत प्रतीत होता है। कानून स्पष्ट रूप से कहता है कि कोई भी व्यक्ति एक से अधिक प्रादेशिक निर्वाचन क्षेत्रों या मतदाता सूचियों में पंजीकृत नहीं हो सकता।”
वंही न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने सुनवाई के दौरान आयोग से सवाल किया—
“आप वैधानिक प्रावधान के विपरीत फैसला कैसे दे सकते हैं?”

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