सचिवालय की गलियारों से लेकर आम जनमानस तक यह चर्चा इन दिनों काफी आम हो चुकी है कि कौन होगा ब्यूरोक्रेसी का अगला सुपर बॉस ?
जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान मुख्यसचिव राधा रतूड़ी दिनांक 31 मार्च 2024 को सेवानिवृत्त हो रही थी लेकिन, राज्य सरकार ने छह-छह महीने बढाकर उनको 1 वर्ष का एक्सटेंशन दिया था। जिस क्रम में अब 5 कार्यदिवस बाद यानी 28 मार्च को उनका एक्सटेंशन काल समाप्त हो रहा है। 29 मार्च को शनिवार, 30 को रविवार व 31 को ईद की छुट्टी को के उपरांत फिलहाल 28 मार्च को ही उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा।
चर्चा यहाँ तक है कि राज्य सरकार, DOPT के अनुमोदन के क्रम में राधा रतूड़ी की सेवा को एक बार फिर 6 माह के लिए बढ़ा सकती है। प्रयाय में भी ऐसा देखा गया है कि अन्य राज्यों ने भी अपने मुख्यसचिव को एक वर्ष से भी अधिक का कार्यकाल एक्सटेंशन के रूप में दिया है।
मुख्य सचिव राधा रतूड़ी के करीबी अधिकारी यह भी बताते हैं कि राधा रतूड़ी फिलहाल और एक्सटेंशन की इच्छुक नहीं है। इस बात को यह बात भी बल देती है कि हाल ही में मुख्यमंत्री के निर्देश पर मुख्य सूचना आयुक्त एवं सूचना आयुक्त पद पर तैनाती की फ़ाइल भी शासन स्तर पर प्रचलित है। जिसमे राधा रतूड़ी ने मुख्य सूचना आयुक्त पद हेतु आवेदन किया हुआ है।
शासकीय सूत्र बताते हैं कि सूचना आयोग के दोनों पदों के लिए चयन कमिटी की बैठक कुछ रोज पूर्व हो चुकी थी। जिसमे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य व कैबिनेट मंत्री रेखा आर्य ने शिरकत की थी। उक्त बैठक में दोनों पदों पर चयन हेतु निर्णय लेते हुए पत्रावली राजभवन को भेज दी गयी थी। शासकीय सूत्रों की माने तो मुख्य सूचना आयुक्त पद पर राधा रतूड़ी का नाम व सूचना आयुक्त पद पर पूर्व आईपीएस अधिकारी दिलीप सिंह कुंवर का नाम फाइनल किया गया है। सूत्र के दावे कितने सही साबित होते यह आने वाले दिनों में देखना होगा।
उल्लेखनीय है कि अगर राधा का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाता है तो राज्य सरकार प्रदेश के इकलौते ACS अधिकारी आनंद वर्धन पर भी दांव खेल सकती है, जिनका रिटायरमेंट जून 2027 में है।
बाहर से भी बुलाया जा सकता है मुख्यसचिव
प्रदेश में आनंद वर्धन के इलावा कोई भी अधिकारी अभी तक ACS रैंक पर नहीं आया है। अगर किन्ही कारणों से व हाल ही में हुए विभिन्न प्रकरणों के कारण राज्य सरकार की पहली पसंद आनंद वर्धन नहीं बनते हैं तो राज्य सरकार बाहर यानी अन्य कैडर के भी अधिकारियों को उत्तराखंड बुला सकती है।
चर्चा के अनुसार राज्य सरकार उत्तराखंड मूल के विभिन्न कैडर के 2 अधिकारियों में से एक पर भी दांव खेल सकती है- जिनमे राजस्थान कैडर के 1994 बैच के IAS अधिकारी नरेश पाल गंगवार (प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में तैनात है) व पड़ोसी राज्य हिमाचल कैडर के 1993 बैच के IAS अधिकारी कमलेश कुमार पंत (प्रतिनियुक्ति पर केंद्र में तैनात है) के नाम शामिल है।
उत्तराखंड के 2 प्रमुख सचिव भी लाइन में
शासन के गलियारों में चर्चा यहां तक है कि उत्तराखंड कैडर के प्रमुख सचिव आर.के सुधांशु व एल. फेनई भी मुख्य सचिव बनने की लाइन में है। लेकिन ACS रैंक न होने के कारण अभी ऐसा होता नहीं दिख रहा है। इस फार्मूला को अपनाने के लिए राज्य सरकार को अगले 9 माह के लिए किसी एक को प्रभारी मुख्य सचिव बनाना पड़ेगा। तब जाकर जनवरी 2026 में DOPT के अनुमोदन के क्रम में शिथलीकरण प्रदान करते हुए दोनों 1997 बैच के IAS को ACS पद पर पदोन्नत करना पड़ेगा। तब जाकर जनवरी 2026 में स्थायी मुख्य सचिव उत्तराखंड को मिल पाएगा। ऐसा तभी होना सम्भव है जब अपैक्स स्केल पर शिथलीकरण देने पर DOPT हामी भरता है
विभिन्न कयासबाजियों के बीच अब देखना होगा कि आगामी दिनों में राज्य सरकार किसके सर मुख्य सचिव का ताज सजाती है।

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