उत्तराखंड में IG से बड़ा SSP का कद, अंडर ट्रांसफर निरीक्षक व दरोगाओं को रवाना करने के बजाए दी और अच्छी तैनाती, PHQ के उच्च अधिकारियों ने भी प्रकरण से आंखे मूंदी !!

उत्तराखंड पुलिस में इन दिनों क्या चल रहा है यह आंकलन अब कोई भी नहीं कर सकता है। IG के आदेशों से बड़ा इन दिनों कप्तान का कद हो चला है। कुछ दिन पूर्व IG गढ़वाल ने जिन अंडर ट्रांसफर निरीक्षकों व दरोगाओं की रवानगी दिनांक तय करते हुए पहाड़ चढ़ाने के आदेश जारी कर दिए थे, उनमें से कुछ को SSP देहरादून ने विवेकानुसार रवाना करने के बजाए वर्तमान से और अच्छे थानों की कमान थमा दी है।

साथ ही साथ जिन अंडर ट्रांसफर दरोगाओं की कोई पकड़ नहीं थी व कोई जुगाड़ नहीं था उनको रवाना कर दिया गया। वंही अभी तक पुलिस मुख्यालय की ओर से इस प्रकरण पर कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आ पाई है।

अभिनव के कार्यकाल में नहीं होता था ऐसा

पूर्व कार्यकारी DGP अभिनव कुमार के हाथ में जब उत्तराखंड पुलिस की कमान थी तब इस तरह के प्रकरण न के बराबर देखने को मिलते थे। महकमे में उनकी दहशत ऐसी थी कि कोई भी अधिकारी नियमविरुद्ध कार्य करने से बचता था। छोटे कर्मचारियों के प्रोमोशन से लेकर ट्रांसफर जैसे प्रकरणों में वह त्वरित व न्यायसंगत कार्यवाई करते थे, लेकिन इन दिनों बस जैसे तैसे करके समय काटा जा रहा है।

उत्तराखंड में हाथ पांव मारकर मिलती है IG रेंज की कुर्सी, फिर भी उनकी नहीं चल रही –

इस वक्त उत्तराखंड कैडर में कुल 18 IG रैंक के अधिकारी मौजूद है, जिनमे से  2 अधिकारियों को रेंज की कमान दी जाती है। इन दो IG रेंज के पदों के लिए इतनी मारामारी रहती है कि भारी मशक्त के बाद इन कुर्सियों का चार्ज किसी अधिकारी को मिलता है। इतने हाथ पांव मारकर भी अगर IG पद पर बैठे अधिकारी की नहीं चल रही है तो बस फिर क्या ही कहने इस डिसिप्लिनरी फोर्स के बारे में।

मठाधीश इतने जुगाड़बाज कि उनके लिए कप्तान तक IG से ले रहे लोहा-

उत्तराखंड पुलिस में ऐसे कई निरीक्षक व दरोगा मौजूद है कि जिन्हें फील्ड पोस्टिंग व चार्ज की इतनी लालसा है कि वह अपनी कलाकारी व जुगाड से सालों साल अंडर ट्रांसफर होने के बावजूद भी जनपद से रवाना नहीं होते हैं। कुछ कप्तानों का प्रेम उनपर इस कदर बरसता है कि उनके लिए वह कुर्सी में बैठे IG के लिखित आदेशों तक को भी नकार देते हैं व जनपद से रवाना करने के बजाए और अच्छी तैनाती दे देते हैं, जैसे कि वह IG को ठेंगा दिखाना चाह रहे हो।

खाकी को ऋषिकेश क्षेत्र में अब देना होगा विशेष ध्यान-

उत्तराखंड की फिजाओं में मैदान-वाद व पहाड़-वाद का जहर घोलने का कृत्य जो कुछ कतिपय कर रहे हैं उसका सबसे ज्यादा असर ऋषिकेश में देखने को मिला है। वहां नए कोतवाल की तैनाती से पुलिस महकमे को अब वहां और सजग रहने की जरूरत है। बता दें कि पुराने कोतवाल ऋषिकेश जैसे तैसे करके स्थिति को काबू पाने में काफी हद तक सफल रहे थे, लेकिन अब देखना होगा कि नए कोतवाल साहब इन प्रकरणों पर कैसे अंकुश लगाते हैं।