जिला प्रशासन देहरादून ने इस बार देहरादून नगर निगम के 100 वार्डों का आरक्षण रोस्टर काफी होमवर्क के बाद तैयार किया है। जिला प्रशासन ने अनंतिम आरक्षण सूची जारी कर आपत्तियां जरूर मांगी है लेकिन 100 वार्डों में से किसी भी वार्ड का आरक्षण बदलने की गुंजाइश न के बराबर है, क्योंकि वार्डों को पिक एंड चूज (Pick and Choose) करके आरक्षित नहीं किया गया है बल्कि एक निर्धारित फॉर्मूला के अनुसार आरक्षण तय किया गया है।
इस फार्मूला से तय हुआ है आरक्षण
जिला प्रशासन देहरादून ने सबसे पहले शासन की आरक्षण नियमावली के अनुसार आरक्षित वार्डों की संख्या तय की गयी, जिसके अनुसार 100 वार्डों में से 12 वार्ड SC, 1 वार्ड ST व 12 वार्ड OBC कोटे के लिए आरक्षित करने का निर्णय लिया गया।
उसके पश्चात 100 वार्डों में से 12 ऐसे वार्डों का चयन किया गया जहां SC यानी अनुसूचित जाति की जनसंख्या सबसे ज्यादा है, फिर उक्त 12 में से 33 प्रतिशत यानी 4 वार्डों को SC महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है। महिला आरक्षण भी उन 4 वार्डों में लगाया गया है जहां SC जनसंख्या सबसे ज्यादा है। इस हिसाब से निम्नलिखित लिस्ट में ऊपर से 4 वार्ड SC महिला के लिए आरक्षित कर दिए गए व बाकी 8 वार्ड SC के लिए आरक्षित कर दिया गया है।
फिर इन उपर्युक्त 12 वार्डों को हटाकर उस 1 वार्ड का चयन किया जहां सबसे ज्यादा ST यानी अनुसूचित जनजाति के वोटर हैं। व आरक्षण में इकलौती सीट होने के कारण इसी सीट को ST महिला के लिए भी आरक्षित कर दिया गया। इस फार्मूला के हिसाब से वार्ड संख्या 64 नेहरुग्राम का चयन किया गया जहां सबसे अधिक (349 वोटर) ST श्रेणी के हैं।
OBC आरक्षण- 12 सीट SC व एक सीट ST के लिए आरक्षित करने के बाद इन सभी 13 वार्डों को हटाकर बचे हुए 87 वार्डों में उन 12 वार्डों का चयन किया गया जहां सबसे अधिक OBC के वोटर हैं। जिस हिसाब से यह निम्नलिखित 12 वार्ड का चयन किया गया, उसमें से टॉप 4 (33 प्रतिशत) को महिला आरक्षण के अनुसार OBC महिला हेतु आरक्षित कर दिया गया।
अब 100 वार्डों में से बचे 75 वार्डों को सामान्य जाती की जनसंख्या के हिसाब से अवरोही क्रम (Descending order) में रखा गया व इन 75 वार्डों में से टॉप 25 वार्डों का एक तिहाई के हिसाब से सामान्य जाती महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया। निम्नलिखित 25 वार्डों की सूची सामान्य महिला हेतु आरक्षित की गई है।
अगले नगर निकाय चुनाव से बदला जाएगा रोस्टर –
शहरी विकास विभाग की नई नियमावली के अनुसार इस बार के चुनाव को फ्रेश माना गया है यानी प्रथम बार इस आरक्षण नियमावली से चुनाव कराया जा रहा है जिसक कारण से पुराने कई आरक्षित वार्डों को फिरसे आरक्षित कर दिया है, लेकिन शासकीय जानकार बताते हैं कि अगली बार के नगर निकाय चुनाव में इन आरक्षित सीटों को छोड़कर क्रम के अनुसार अगली सीटों को आरक्षित किया जाएगा।
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