एक तरफ जहां विभिन्न प्रदेशों में गैंग वॉर व आपसी रंजिश के कारण आए दिन VIP व महानुभावों के खून की खबरे सुर्खियों में रहती है वंही दूसरी ओर उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां 4 महीने से शासन में लंबित पड़ी एक फ़ाइल के कारण कई VIP व राजनैतिक महानुभावों की सुरक्षा खतरे में हैं।
बता दें कि 29 जून 2024 को गृह विभाग की ओर से सुरक्षा समिति की बैठक आहूत की गई थी। उक्त समिति की बैठक में कुछ सांसदों, विधायक, मंत्री, VIP, बड़े संस्थानों के मालिकों व साधु संतों की सुरक्षा में बढ़ोतरी तो कुछ की सुरक्षा में कटौती का निर्णय थ्रेट रिव्यु रिपोर्ट के आधार पर लिया गया था। जानकार यह भी बताते हैं कि 2 सांसदों को Y + (एस्कॉर्ट युक्त) सुरक्षा भी देने का निर्णय इस बैठक में हुआ था।
समिति की बैठक में उस दिन सचिव गृह, विशेष सचिव गृह, अपर सचिव गृह, DGP सहित पुलिस महकमे के कुछ अधिकारी मौजूद थे। बैठक के निर्णयों / मिनट्स पर सभी ने सर्व सहमति से हस्ताक्षर कर अपना अपना अनुमोदन भी दे दिया था व फ़ाइल सचिव गृह को सपुर्द कर दी थी।
हैरत की बात यह है कि इतनी महत्वपूर्ण फ़ाइल 4 माह बाद भी आतिथि तक मुख्यमंत्री से अनुमोदित नहीं करवाई गई है। यहां तक कि फ़ाइल अभी तक मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी नहीं पंहुची है। इस लापरवाही के कारण जिन महानुभावों को 4 माह पूर्व सुरक्षा मिलनी थी व जिनकी सुरक्षा 4 माह पहले हट जानी थी आतिथि तक ऐसा नहीं हो पाया है। उक्त प्रकरण पर Doon Mirror ने सचिव गृह से संपर्क करना चाहा, लेकिन उनका मोबाइल स्विच ऑफ था।
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