आरटीओ कार्यालय में एक अधिवक्ता की बाइक फर्जीवाड़ा कर किसी दूसरे के नाम कर दी गई। अधिवक्ता को जब इसका पता चला तो वह आरटीओ के पास पहुंचे। जांच हुई तो पता चला कि फाइल में भी किसी दूसरे के नाम के ही दस्तावेज लगे हैं। यह मामला खुलने के बाद अधिवक्ता की शिकायत पर डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है।
मामले में शिकायत अधिवक्ता सार्थक शर्मा निवासी सालावाला ने की है। सार्थक के मुताबिक उन्होंने वर्ष 2016 में एक बाइक खरीदी थी। पिछले दिनों वह परिवहन एप पर अपनी बाइक का नंबर चेक कर रहे थे। इसमें उन्हें पता चला कि यह बाइक अब किसी माजिद के नाम पर हो गई है। अधिवक्ता के अनुसार वह किसी माजिद को जानते तक नहीं हैं और न ही कभी बाइक बेची है।
इस पर वह अपनी शिकायत को लेकर गत 25 अगस्त को आरटीओ कार्यालय पहुंचे। यहां आरटीओ ने दस्तावेज संबंधी फाइल मंगवाई तो पता चला कि इस फाइल में भी माजिद का ही नाम लिखा हुआ है। इसे दूसरा मालिक दर्शाया गया है। यानी यह मोटरसाइकिल सार्थक शर्मा के नाम से हटकर माजिद के नाम पर दर्ज कर दी गई। एसएचओ डालनवाला ने बताया कि मामले में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यदि आरटीओ कार्यालय में किसी की मिलीभगत सामने आई तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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