जहां एक तरफ आज विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में वन विभाग प्रदेश भर में पौधारोपण कर पर्यावरण संरक्षण पर एक नेक संदेश दे रहा है वंही दूसरी ओर यही वन विभाग 6 हज़ार पेड़ों के हत्यारों को सजा मिलने से भी बचा रहा है।
बता दें कि 17 अप्रैल 2023 को NGT कोर्ट द्वारा उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिसर्व पार्क में करीब 6 हज़ार पेड़ काटने व वन भूमि में अवैध निर्माण बनाने पर उत्तराखंड वन विभाग के कुछ IFS अफसर सहित कुछ वन कर्मियों को DG FOREST के रिपोर्ट के आधार पर दोषी ठहराया था। इनमें से कुछ को सजा हो गयी तो कुछ रिटायर हो गए लेकिन अभी भी 2 अधिकारी ऐसे हैं जिनपर अभी तक कोई भी कार्यवाई नही हुई जिनके नाम है – कॉर्बेट के तत्कालीन डायरेक्टर राहुल व तत्कालीन CCF गढ़वाल सुशांत पटनायक।
हाल ही में हुई आखरी सुनवाई में NGT द्वारा केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय को अगली सुनवाई से पहले सभी दोषी अधिकारियों पर की गई कार्यवाई की रिपोर्ट जमा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसी आधार पर अब माना जा रहा है कि केंद्रीय वन एवं पर्यावरण विभाग बचे हुए अधिकारियों पर भी जल्द कार्रवाई करेगा।
आपको जानकारी दें दे कि उक्त प्रकरण पर उत्तराखंड सरकार की ओर से प्रमुख सचिव वन द्वारा NGT को पत्र लिख यह अपील की गई है कि जांच कमिटी को सिर्फ पेड़ों के कटान तक अपनी रिपोर्ट सीमित रखनी चाहिए न कि निर्माण कार्यों को इसके जद में लाना चाहिए। उन्होंने NGT को लिखे गए पत्र में यह भी कहा है कि जंगल मे निर्माण कार्य हेतु केंद्र सरकार की अनुमति की कोई आवश्यकता नही होती है।
उक्त पत्र पर कही गयी बातों को NGT ने यह कहकर नकार दिया गया कि पत्र में लिखी गयी बातों पर यकीन करना का काफी मुश्किल है।
वंही NGT अब इस मामले की अगली 19 जुलाई 2023 को करेगी जिसमे प्रमुख सचिव वन उत्तराखंड सरकार को भी मौजूद रहने को कहा गया है।
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