सरकारी धन का दुरुपयोग करना हो तो कोई देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड से सीखें, 50 लाख ₹ खर्च करने के बाद अब बैकफुट पर DSCL

नगर निगम के किशननगर वार्ड में पायलट प्रोजेक्ट के तहत मार्च 2021 में लोगों के घरों के बाहर क्यूआर कोड लगाने की शुरुआत की गई थी। सभी घरों के बाहर करीब 50 लाख रुपये का बजट खर्च कर क्यू आर कोड लगवाए गए। उस दौरान निगम से अनुबंधित रही चेन्नई एमएसडब्ल्यू कंपनी ने क्यूआर कोड स्कैन करने को लेकर शुरुआत में यह कहकर असमर्थता जताई कि कर्मचारियों के पास स्मार्ट फोन उपलब्ध नहीं।

इसके बाद साढ़े पांच लाख रुपये का बजट खर्च कर कंपनी को 25 स्मार्ट फोन उपलब्ध करवाए गए। फिर कुछ दिनों तक क्यू आर कोड स्कैन भी हुए। लेकिन कुछ ही दिनों के बाद कंपनी ने तर्क दिया कि इतने ज्यादा क्यूआर कोड को स्कैन कर पाना संभव नहीं हो पा रहा। कंपनी ने काम बंद करने का ऐलान करने के साथ स्मार्ट फोन भी नगर निगम में जमा कर दिए। तब से प्रक्रिया पूरी तरह ठप पड़ी है।

उक्त प्रकरण पर नगर आयुक्त मनोज गोयल ने कहा है कि स्मार्ट सिटी लिमिटेड को पत्र भेजकर कई बार इस योजना को लेकर प्रेजेंटेशन देने को कहा गया है। लेकिन नगर निगम को कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिल पाया। फिलहाल प्रोजेक्ट बंद पड़ा है। अब निगम जीपीएस सिस्टम के जरिए वाहनों की मॉनीटरिंग करने की व्यवस्था बना रहा है।

सूत्रों की मानें तो अब खुद स्मार्ट सिटी लिमिटेड ही इस प्रोजेक्ट को पूरी तरह बंद करने पर विचार कर रहा है, जबकि नगर निगम प्रबंधन शुरू से ही इसके पक्ष में नहीं था। अधिकारियों का कहना है कि क्यूआर कोड को लेकर अब तक स्थिति स्पष्ट नहीं है। व्यावहारिक तौर पर यह व्यवस्था लागू कर पाना बहुत मुश्किल काम है। कुलमिलाकर यह पायलेट प्रोजेक्ट खटाई में पड़ गया है।