हाल ही में हुई जिला योजना समिति की समीक्षा बैठक में माहौल गर्म रहा। विधायक विनोद चमोली ने अधिकारियों के रवैए पर सवाल उठाकर गंभीर आरोप लगा दिए। इस दौरान जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों में जुबानी टकराव की स्थिति बनी रही। कई बार मंत्री-विधायकों का अफसरों से तल्ख वार्तालाप हुआ। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हद तो तब हुई जब डीएफओ ने सभी सीमाएं ही लांघ दीं और मंत्री से कह दिया कि बजट जारी नहीं होगा तो मेरी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
दरअसल शनिवार को वन मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में राजपुर रोड स्थित मंथन सभागार में जिला योजना समिति की बैठक हुई। बैठक में डीएफओ नितिशमणि त्रिपाठी से सवाल पूछा गया कि विभाग अपने गेस्ट हाउस और बंगलों तो चमकाता है, लेकिन जनसमस्याओं की ओर ध्यान नहीं देता। ऐसा क्यो? इस पर डीएफओ ने कहा कि गेस्ट हाउस पर सरकार के मेहमान आते हैं। अगर गेस्ट हाउस और बंगलों के रखरखाव के लिए बजट जारी नहीं होगा तो मेरी सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ता। जिसपर सभी जनप्रतिनिधियों ने डीएफओ के जवाब का विरोध किया।
वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि कैसे बैठक में विधायक विनोद चमोली ने अधिकारियों के रवैए पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अधिकारी अपनी जिम्मेदारी ठीक से नहीं निभा रहे हैं।
यह कोई पहला मामला नहीं है जब देहरादून डीएफओ नीतिशमणि त्रिपाठी पर बदतमीजी से बात करने व जनप्रतिनिधियों से दुर्व्यवहार करने के आरोप लगे हैं। पहले भी कई ऐसे मामले सामने आए हैं लेकिन आज तक IFS त्रिपाठी के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं देखा गया है।
वंही सोशल मीडिया पर यह मुद्दा वायरल होने के बाद तमाम लोगों ने DFO देहरादून के आचरण की निंदा करी है व कहा है कि ऐसे अधिकारी ही मुख्यमंत्री की छवि को दाग लगाते हैं व ब्यूरोक्रेसी को बदनाम करते हैं।
Editor