उत्तराखंड में कर्मचारियों के भविष्य निधि (पीएफ) का पैसा दबाने वाले उत्तराखंड के दो सौ संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए ईपीएफओ ने उनसे वसूली की है।
वंही अब प्रकाश में आया है कि नगर निगम देहरादून में मैन-पावर (संविदा कर्मी) मुहिया करा रही 2 कंपनी ऐसी हैं जो हर महीने नगर निगम से PF के नाम से लाखों रुपये चार्ज तो करती है लेकिन कर्मचारियों के PF व ESI खाते में नही डाल रही है।
बता दें कि इस वक्त नगर निगम देहरादून में 300 से 350 कर्मचारी संविदा पर कार्यरत हैं जो कि 2 प्राइवेट कंपनियों से रखे गए हैं। यह दोनों कंपनियां प्रति माह नगर निगम से PF – प्रोविडेंट फण्ड व ESI – इम्प्लॉई स्टेट इंश्योरेंस स्कीम के नाम पर लाखों तो चार्ज करती है लेकिन सिर्फ कुछ ही कर्मचारियों के PF व ESI एकाउंट में डाल रही है।
अगर आंकड़ा लगाया जाए तो प्रति माह इन कंपनियों द्वारा लगभग 3 लाख रुपये का गबन नगर निगम देहरादून से किया जा रहा है। जिसपर नगर निगम देहरादून के द्वारा अभी तक कोई कार्यवाई नही की गई है। ऐसी स्थिति में यह सवाल उठना लाजमी है कि सालों से कार्यरत यह कंपनी किसके शय पर इतनी बड़ी धनराशि गबन कर रही है।
जब DOON MIRROR ने इसकी पड़ताल की तो हमे पता चला कि कंपनी द्वारा EPFO से बचने के लिए नाम नाम के लिए ही सिर्फ चुनिंदा कर्मचारियों का सिर्फ कुछ माह के लिए ही जमा कराया गया PF व ESI, बाकी आज तक अन्य कर्मचारियों का लेखा जोखा नगर निगम प्रशासन को नहीं मिला है।
निगम में कार्यरत ठेकेदारों भी नही करते अपने लेबर का PF व ESI जमा – हैरत की बात यह भी है कि मेयर कोटे व पार्षद के किये जा रहे निर्माण कार्यों में भी कार्यरत रजिस्टर्ड ठेकेदार भी नहीं करते अपने लेबर का PF व ESI जमा।
बता दें हाल ही में ईपीएफओ के देहरादून क्षेत्रीय कार्यालय ने यूपीसीएल, सहित तमाम शिक्षण संस्थानों समेत कई कंपनियों से इस मद में कुल 11.49 करोड़ रुपये की रिकवरी की है। सबसे ज्यादा एक करोड़ 86 लाख रुपये की रिकवरी यूपीसीएल से की गई है।
वंही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय आयुक्त प्रथम विश्वजीत सागर ने जीएमएस रोड स्थित कार्यालय में बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि पीएफ जमा नहीं करने वाले संस्थानों पर नजर रख रहे हैं। इस क्रम में नगर पालिका श्रीनगर, कोटद्वार, जोशीमठ, मसूरी, उत्तरकाशी व डोईवाला से 2.74 करोड़ रुपये वसूले गए। इनमें से कई निकाय वर्षों से कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं कर रहे थे। ऐसे भी मामले हैं, जिनमें आउटसोर्स एजेंसियों से रखे कर्मचारियों का पीएफ जमा नहीं हो रहा था।
इन बड़े बकायेदारों से भी हुई वसूली
ईपीएफओ ने कुल दो सौ संस्थानों के खिलाफ कार्रवाई की। इसके तहत क्षेत्रीय गांधी आश्रम, हिन्दुस्तान कंस्ट्रक्शन, ग्राफिक एरा शिक्षण संस्थान, देवऋषि शिक्षण समिति, मोड हाईक प्राइवेट लिमिटेड, वीके एसोसिएट्स, धनश्री एग्रो प्राइवेट लिमिटेड, यूनिक सिक्योरिटी सर्विसेज, टिहरी गढ़वाल दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ, लखानी फुटवियर, उत्तरांचल कमांडो एक्स सर्विसमैन, हाइप इम्पेक्स, एशियन प्लास्टो इंडस्ट्रीज, टाइगर स्टील इंजीनियरिंग, किंग सिक्योरिटी गार्ड सर्विसेज, नवदुर्गा कंस्ट्रक्शन, विद्युत उपभोक्ता सेवा समिति समेत 31 बड़े संस्थानों पर कार्रवाई की जिन पर पांच लाख रुपये से ज्यादा का बकाया था।
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