रिस्पना, बिंदाल, बांदल, सौंग समेत आठ बरसाती नदियों में रिवर ड्रेजिंग के लिए खनन किया जाएगा। टिहरी और देहरादून जिला प्रशासन ने इसके टेंडर जारी किए हैं। बांदल और सौंग में बीते मानसून सीजन में भारी तबाही मची थी। आपदा से नदी में आए रेत-बजरी, पत्थर से अब राजस्व जुटाया जाएगा।
देहरादून जिला प्रशासन ने सौंग, रिस्पना, बिंदाल, दुल्हनी, सुसवा नदी में 20 स्थानों पर मलबा, आरबीएम, सिल्ट के अत्याधिक एकत्र होने पर इसके उठान के लिए उत्तराखंड रिवर ड्रेजिंग नीति के तहत निविदा निकाली है। देहरादून सदर क्षेत्र में 3.30 लाख घनमीटर और डोईवाला तहसील क्षेत्र में 2.80 लाख घनमीटर आरबीएम का उठान किया जाएगा। इससे रायल्टी, स्टांप शुल्क के तौर पर 10 करोड़ से ज्यादा का राजस्व मिलेगा। वहीं, टिहरी जिला प्रशासन ने देहरादून से सटी धनोल्टी तहसील में सौंग, बांदल, मौणखाला, सिलखाला और चिफल्टी नदी में 16 स्थानों से खनन करवाएगा। यहां पिछले साल अगस्त में बाढ़ के कारण भारी मात्रा में मलबा जमा है। यहां अभी तक टिहरी जिले की सीमा में ही खनन हो रहा था, अब देहरादून की सीमा में भी खनन शुरू हो जाएगा।
उधर, एसडीएम सदर नरेश चंद्र दुर्गापाल ने बताया कि सदर तहसील क्षेत्र की नदियों में भारी मात्रा में मलबा, सिल्ट, आरबीएम एकत्र होने के चलते ऐसे स्थान चिह्नित किए गए हैं, जहां कटाव और आबादी क्षेत्र को खतरा है। इसलिए मलबा, सिल्ट और आरबीएम के उठान के लिए टेंडर जारी किए गए हैं।
70 रुपये प्रतिकुंतल रायल्टी की दर उपखनिज उठान के लिए 70 रुपये प्रतिकुंतल रायल्टी की दर तय की गई है। शर्त के अनुसार, दिन के समय ही आरबीएम का उठान हो सकेगा। रात में खनन की अनुमति नहीं रहेगी। ड्रेजिंग कार्य शुरू होने से पहले और हर 30 दिन में ड्रोन के जरिये इसका सर्वे होगा।
देहरादून में ये इलाके चिह्नित किए गए
रिस्पना नदी में सहस्रधारा आईटी पार्क, चूना भट्टा, बिंदाल नदी में विजय कॉलोनी कैंट रोड, डाकोटा पुल, दुल्हनी नदी में सिद्धविहार, देवपुरम, सौंग में मालदेवता पुल, रायपुर थानो मार्ग पुल, भोपालपानी, सौड़ा-सरोली, सुसवा नदी के निकट।
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