केंद्रीय DG फारेस्ट ने NGT को सौंपी जांच कमेटी की रिपोर्ट, विभिन्न प्रकरणों में उत्तराखंड के ये IFS अधिकारी पाए गए दोषी, NGT व सुप्रीम कोर्ट जल्द सुनाएगा सजा !!

कॉर्बेट नेशनल पार्क के पांखरौ टाइगर सफ़ारी में पेड़ों का अवैध कटान प्रकरण में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल द्वारा के DG फ़ॉरेस्ट की अध्यक्षता में 3 सदस्यों वाली जाँच कमेटी का गठन किया गया था। आज इस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट NGT को सौंपी है।

जाँच समिति द्वारा कॉर्बेट टाईगर रिज़र्व में अवैध निर्माण, ढीकाला कोर ज़ोन में गेस्ट हाउस का अवैध निर्माण, मोरघट्टी, पांखरो व कुगड्डा वन विश्राम भवन में अवैध टूरिज़्म हट का निर्माण को लेकर तत्कालीन डायरेक्टर कॉर्बेट टाईगर रिज़र्व राहुल को वन संरक्षण अधिनियम व भारतीय वन अधिनियम के उल्लंघन का दोषी ठहराया है

तत्कालीन वन मंत्री हरक सिंह रावत को भी पाया गया दोषी।

साथ ही तत्कालीन डीएफ़ओ कालागढ अखिलेश तिवारी व किशन चंद को भी इन अधिनियमों के उल्लंघन का दोषी करार दिया है।

वंही कोटद्वार के पास सनेह वन विश्राम भवन के सामने अवैध रूप से टूरिज़्म हट बनाने की नियमों के विरूद्ध अनुमति देने के लिए मुख्य वन संरक्षक गढ़वाल सुशांत पटनायक को ज़िम्मेदार ठहराया है

CCF गढ़वाल द्वारा डीएफ़ओ लैन्सडाउन वन प्रभाग के मना करने के बावजूद अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर सनेह वन विश्राम भवन के सामने टूरिज़्म हट व इको पार्क बनाने के लिए डीएफ़ओ कालागढ को निर्माण कार्य करने की अवैध रूप से अनुमति दी गई, जो वन अधिनियम, 1980 व भारतीय वन अधिनियम 1927 का उल्लंघन हैं।

जमा जांच रिपोर्ट में आरोप तय होने के पश्चात अब जल्द ही NGT व सुप्रीम कोर्ट इस प्रकरण में जल्द सजा सुनाएगी।