जमीन खरीद प्रकरण में चढ़ी 5 भी भेंट, नगर निगम हरिद्वार के अधिकारी / कर्मचारी हुए सस्पेंड !!

हरिद्वार नगर निगम द्वारा प्राइवेट भूमि खरीद प्रकरण में सामने आई अनियमितता के बाद अब शासन ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देशों के बाद 5 को सस्पेंड करने के आदेश जारी किए हैं।

आदेश के अनुसार 4 कर्मचारियों को तत्काल स्पेंड कर दिया गया है व नगर निगम हरिद्वार में सेवाविस्तार पर चल रहे क्लर्क वेदपाल की भी सेवा समाप्त करते हुए उनपर सिविल सर्विसेज रेगुलेशन के प्राविधानों के तहत कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त शासन ने नगर निगम हरिद्वार में तैनात FC फाइनेंस कंट्रोलर निकिता बिष्ट को भी कारण बताओ नोटिस जारी कर उक्त पर कार्रवाई करने मन बना लिया है।

सस्पेंड किए गए अधिकारियों का विवरण

  1. रविन्द्र कुमार दयाल, अधिशासी अधिकारी (प्रभारी सहायक नगर आयुक्त)
  2. आनंद सिंह मिश्रवण, सहायक अभियंता (प्रभारी अधिशासी अभियंता)
  3. लक्ष्मीकांत भट्ट, कर एवं राजस्व अधीक्षक
  4. दिनेश चंद्र कांडपाल, अवर अभियंता

जानकारी के लिए बता दें कि इस प्रकरण में उस शख्स का बैंक अकाउंट भी फ्रिज कर दिया गया है जिसके खाते में नगर निगम द्वारा जमीन क्रय के क्रम में धनराशि जारी की गई थी। इसके अतिरिक्त खरीदी हुई जमीन के चक को जिला प्रशासन हरिद्वार ने जांच अधिकारी सचिव गन्ना रणवीर चौहान के पत्र के क्रम में फ्रिज कर दिया गया है।

वहीं शासन स्तर पर सचिव गन्ना रणवीर चौहान द्वारा इस प्रकरण की जांच की जा रही है। आज दिन भर शासन के गलियारों में यह चर्चा आम रही कि जिस DM (तत्कालीन प्रशासक, नगर निगम) के कार्यकाल में यह अनियमितताएं सामनी आई है उसी DM के कार्यकाल में निष्पक्ष जांच कैसे संभव हो सकती है। चर्चा यह भी थी कि निष्पक्ष जांच के क्रम में DM हरिद्वार को भी पद से हटाया जा सकता है। जबकि तत्कालीन नगर आयुक्त व SDM को प्रकरण खुलने से पूर्व ही रूटीन ट्रांसफर में अन्य स्थान पर स्थानांतरण कर नवीन जिम्मेदारी दे दी गई थी।

जानकार यह भी बताते हैं कि इस प्रकरण में तहसील से लेकर नगर निगम के कुछ अन्य लोग भी शामिल थे, जिन्होंने इस कृत की रूपरेखा बनाई थी। जिस क्रम में नगर निगम हरिद्वार को इतनी भारी धनराशि (55 करोड़ रुपए) में जमीन बेची गई है।