मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने शनिवार को डिजिटल मास्टर प्लान- 2041 (महायोजना) तैयार कर इसे जनता के समक्ष रख दिया है। पांच साल पहले नगर निगम में शामिल हुए 72 गांवों के लोगों को इसमें बड़ी राहत मिली है। कृषि भूमि के कारण वहां आवासीय या व्यावसायिक नक्शे पास करने में मुश्किलें आ रही थी। अब मास्टर प्लान में इन इलाकों को आबादी क्षेत्र में दर्ज किया गया है।
प्राधिकरण के रिकॉर्ड के मुताबिक, इस समय करीब पूरे शहर में अवैध निर्माण के करीब 28 हजार प्रकरण हैं। इनमें अधिकतर नगर निगम के नए 40 वार्डों के हैं। 2018 में लागू किए गए जोनल प्लान में इन क्षेत्रों के अधिकतर भू-भाग को कृषि भूमि दर्शाया गया था। जबकि मौके पर बड़ी संख्या में पहले ही बड़ी संख्या में मकान बन चुके थे।
नए मास्टर प्लान में लैंडयूज बदल जाने के बाद अब लोग अपने मकानों के नक्शों को कंपाउंडिंग करवाकर वैध करवा सकेंगे। साथ ही नए भवनों के नक्शे, आवासीय कॉलोनियों के लेआउट पास कराने में भी समस्या नहीं आएगी। लंबे समय से पार्षद और स्थानीय लोग इस समस्या के समाधान की मांग उठा रहे थे। प्राधिकरण के स्तर से चालान, सीलिंग और ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के चलते लोगों को आए दिन दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था। अधिकारियों का कहना है कि प्राधिकरण भी मास्टर प्लान के मुताबिक ही नक्शे पास कर सकता है। इसलिए लैंडयूज बदलने से बड़ी राहत मिलेगी। हालांकि आपत्तियों का निस्तारण होने और राज्य व केंद्र सरकार की मंजूरी के बाद ही मास्टर प्लान लागू होगा।
मास्टर प्लान की खास बातें
● नदी आधारित है डिजिटल मास्टर प्लान, ताकि नदी नालों के आसपास हो रहे कब्जों पर रोक लग सके।
● 2041 में दून शहर की अनुमानित आबादी के हिसाब से 50 प्रतिशत क्षेत्र आवास श्रेणी के लिए आरक्षित।
● भवनों की डिजिटल आईडी बनाई है, डिजिटल रिकॉर्ड से एक क्लिक पर भवन संबंधित जानकारी मिलेगी।
● नई कालोनियों में सड़कों की चौड़ाई मास्टर प्लान के हिसाब से रखनी होगी,पार्कों का निर्माण भी होगा।
● हाउस टैक्स जमा नहीं करने वाले भवन चिह्नित हो पाएंगे, इससे नगर निगम की आय में बढ़ोतरी होगी।
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