उत्तराखंड में लोकायुक्त की नियुक्ति नहीं है, लेकिन बिना काम कर्मचारियों पर प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। सामाजिक कार्यकर्ता विनोद जोशी को लोकायुक्त कार्यालय से आरटीआई का जवाब मिला है। उन्होंने बताया कि गत नौ साल से लोकायुक्त की तैनाती नहीं है। 24 सितंबर 2013 के बाद से यह पद लगातार खाली है। फिर भी वर्तमान में यहां 26 कर्मचारी तैनात हैं। नवंबर 2013 से इस वर्ष 31 अक्तूबर तक लोकायुक्त कार्यालय में दर्ज 12934 शिकायतों में से एक का भी निस्तारण नहीं हुआ। यहां वेतन और अन्य पर 28 करोड़ खर्च हो चुके हैं।
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