डी.जी.पी के हस्ताक्षेप के बाद लिखा गया मुकदमा !!

◆ डी.जी.पी के हस्ताक्षेप के बाद लिखा गया मुकदमा !!

◆ पूर्व में भी कुछ मामलों में देखा गया था कि जब तक डी.जी.पी को फोन नही, तब तक मुकदमा नही

◆ क्यों थाने व चौकियों में तैनात इक्का दुक्का कर्मी करा रहे हैं महकमे की किरकिरी !!

◆ कल रात्रि देहरादून के ISBT चौकी में भी ऐसा ही दृश्य देखा गया, मामले को दबाने व निपटाने में लगे रहे एक दो पुलिसकर्मी !!

◆ अगर मुकदमा डी.जी.पी के फोन से लिखा जाना है तोह क्यों रखा गया है ऐसे लीपापोती करने वाले कर्मियों को चौकियों व थानों में !!

जी हां कल ISBT परिसर स्थित दुकान में एक सिपाही ने सरेआम गुंडई की !!

सिपाही ने दुकानदार से पहले शराब की बोतल मांगी। उसने मना किया तो दुकानदार के सिर पर खाली बोतल दे मारी। लहूलुहान दुकानदार को चौकी लाया गया, लेकिन वहां भी उसके साथ बतमीजी की गई। पीड़ित की शिकायत पर आरोपी सिपाही के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। साथ ही एसएसपी ने सिपाही को निलंबित भी कर दिया है !!

घायल दुकानदार

घटना बुधवार देर रात की है आईएसबीटी परिसर में शरद वर्मा की कन्फेक्शनरी है। यहां पर अमित तोमर नाम का सिपाही अक्सर आता जाता रहता है। आरोप है कि बुधवार रात को उसने शराब पी हुई थी। उसके साथ में शरद वर्मा व अन्य लोग भी खड़े हुए थे। आरोप है कि सिपाही अक्सर उस दुकान वाले से शराब की बोतल भी लेता है। रात में शराब पीने के बाद वह एक बोतल मांगने लगा, लेकिन शरद ने मना कर दिया। इस पर गुस्साए सिपाही अमित ने शरद के सिर पर खाली बोतल दे मारी। इससे शरद वर्मा वहीं पर गिर गया। घायल को वहां खड़े लोग आईएसबीटी चौकी लेकर पहुंचे। आरोप है कि यहां पर तैनात एक दरोगा ने भी उनसे गलत व्यवहार किया !!

मामले में शरद वर्मा के भाई अमित वर्मा की ओर से तहरीर दी गई है। इसके आधार पर धारदार हथियार से वार करने, मारपीट, गाली-गलौज आदि का मुकदमा दर्ज किया गया है। आरोपित सिपाही के एक साथी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। वहीं, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) डा. योगेंद्र सिंह रावत ने घटना को गंभीरता से लेते हुए आरोपित सिपाही निलंबित कर दिया है !!

एसएसपी के अनुसार पीड़ित के मेडिकल का परीक्षण कराया जा रहा है। सिर में टांके लगे हैं। यदि, चोट जानलेवा प्रकृति की हुई तो आईपीसी धारा 307 भी मुकदमे में बढ़ाई जाएगी !!


डीजीपी के हस्तक्षेप से दर्ज हुआ मुकद्दमा
बताया जा रहा है कि चौकी में पीड़ित व उसके भाई से सही सलूक नहीं किया गया। इस पर लोगों ने वहां हंगामा भी किया, लेकिन इन्हीं में से किसी ने जब बाद में डीजीपी अशोक कुमार को फोन किया। तब कहीं जाकर स्थानीय पुलिस के कान खड़े हुए और मामले में कार्रवाई की गई !!